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US EU Trade Deal: जापान, इंडोनेशिया, वियतनाम और ब्रिटेन के बाद ट्रंप की ट्रेड डील में जुड़ा एक और नाम, भारत का नंबर कब आएगा?

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति पद को दोबारा संभालने के बाद से वो बार बार अलग अलग देशों के ऊपर टैरिफ की वार्निंग देते आए हैं। उनका मानना है कि अमेरिका के साथ लंबे वक्त से अन्याय होता आ रहा है। मतलब अमेरिका उन देशों के ऊपर टैरिफ नहीं लगाता है, लेकिन बाकी के देश अमेरिकी सामान पर टैरिफ लगा देते हैं। ऐसे में ट्रंप की तरफ से कई देशों को टैरिफ लगाने की धमकी दी गई और उसके लिए एक डेडलाइन भी निर्धारित कर दी गई। 1 अगस्त की डेडलाइन में अब गिनती के दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में जिन जिन देशों के साथ अमेरिका की ट्रेड डील अब तक नहीं हुई है, उन पर भारी टैरिफ लगाया जा सकता है। भारत भी इसकी चपेट में आने वाला है और हो सकता है कि उसके ऊपर 26 % का टैरिफ लगाया जाए। वहीं ट्रंप के द्वारा लगातार अलग अलग देशों के साथ ट्रेड डील किया जा रहा है। लेकिन अब तक का सबसे बड़ा ट्रेड डील यूरोपियन यूनियन के साथ हुआ है।  इससे पहले ट्रंप ने यूरोपियन यूनियन को धमकी दी थी कि वो उन पर 50 % का टैरिफ लगा सकते हैं।

जिसके बाद से ही यूरोपियन यूनियन की चिंताएं बढ़ी हुई थी। यूरोपियन यूनियन की तरफ से पहले तो एक लिस्ट तैयार कर ली गई थी कि अगर 1 अगस्त से अमेरिका द्वारा उन पर टैरिफ लगाया जाएगा तो वो भी पलटवार करते हुए अमेरिकी  सामानों पर टैरिफ लगाएंगे। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप स्काटलैंड की यात्रा पर थे। तभी खबर आती है कि यूरोपियन कमीशन की प्रेसिडेंट उनके द्वारा ट्रंप से स्कार्टलैंड में मुलाकात की गई और एक डील पर दोनों ही पहुंचे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे अब तक का सबसे बड़ा ट्रेड डील बताया है। जिससे दोनों पक्षों को व्यापक आर्थिक लाभ होने की उम्मीद है। ट्रंप ने साफ किया है कि इस डील के तहत यूरोपिय देशों के लिए अमेरिकी बाजार और अमेरिका के लिए यूरोपिय बाजार पहले से कहीं ज्यादा खुले रहेंगे। हालांकि इसी के साथ ट्रंप ने ये भी ऐलान किया कि यूरोपियन यूनियन के सभी क्षेत्रों पर 15 % का टैरिफ लागू किया जाएगा। 

इस समझौते के तहत अब यूरोपिय संघ अमेरिका से अधिक मात्रा में सैन्य उपकरण खरीदेगा। इसके अलावा ऊर्जा क्षेत्र में भी ईयू अमेरिका से लगभग 150 अरब डॉलर का एनर्जी खरीदेगा। जिससे अमेरिकी ऊर्जा उद्योग को भारी बढ़ावा मिलने वाला है। ट्रंप के मुताबिक इस डील के अंतर्गत यूरोपिय संघ अमेरिका में 600 अरब डॉलर का निवेश करेगा। इससे अमेरिका की इकोनॉमी को नई ताकत मिलने की उम्मीद है। डील के बावजूद स्टील और अल्युम्यूनियम पर पहले से लागू शुल्क व्यवस्था बरकरार रखी जाएगी। यानी इन सेक्टरों में फिलहाल कोई छूट नहीं मिलेगी। ट्रंप ने ये भी संकेत दिया कि सेमीकंडक्टर या चिप सेक्टर के लिए अगले दो हफ्तों में सेक्शन 232 के तहत नई नीति घोषित की जाएगी। जो इस इस इंडस्ट्री के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।  

भारत का नंबर कब आएगा?

ट्रंप की तरफ से अब तक न जाने कितनी बार भारत के साथ ट्रेड डील को लेकर बयान दिया जा चुका है। लेकिन फिर भी ये हकीकत में नहीं बदला है। ब्लूमबर्ग टेलीविजन को दिए एक इंटरव्यू में देश के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि भारत पर 26 परसेंट टैरिफ का खतरा टल जाएगा और भारत अमेरिका के साथ एक समझौते पर पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया था कि अमेरिका-भारत के बीच व्यापार वार्ता में कोई अड़चन नहीं है। हालांकि, उनके ऐसा कहने के बावजूद अब लोकल मीडिया के मुताबिक, 1 अगस्त से पहले किसी अंतरिम समझौते की संभावना कम हो गई है। 

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