पहलगाम में जो नरसंहार हुआ उसके बाद भारत बदला लेने की तैयारी कर रहा है। बदला सर्जिकल स्ट्राइक, एयरस्ट्राइक के जैसा होगा या फिर इससे बहुत बड़ा होगा। इसका अंदाजा इस बात से लगा लीजिए कि आईएनएस विक्रांत 18 फाइटर जेट लेकर समुद्र में उतर चुका है। सेना का डिप्लायमेंट लगातार बॉर्डर पर हो रहा है। सेना के प्रमुख खुद पहलगाम पहुंच चुके हैं और राज्यपाल के साथ सीएम से बात की। साथ गृह मंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री से बात की और राष्ट्रपति के पास गृह मंत्री और विदेश मंत्री एक लाल रंग की फाइल लेकर गए। जिसमें क्या था ये अब तक पता नहीं चल पाया है। मतलब बदला तो इस बार भारत का ऐसा होगा कि पाकिस्तान पानी नहीं मांगेंगा। तमाम घटनाक्रमों के बीच क्रेमलिन में एक मुलाकात ने देश दुनिया को हैरान कर दिया।
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जिस वक्त भारत पाकिस्तान पर अटैक के लिए योजना बना रहा है ठीक उसी वक्त उसके दो पक्के दोस्त अमेरिका और रूस एक साथ मिल रहे हैं। हालांकि ये मीटिंग भारत पाकिस्तान के तनाव के लिए नहीं बल्कि रूस और यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर हुई है। लेकिन अमेरिका और रूस की तरफ से पहलगाम अटैक के बाद भारत के समर्थन और सहयोग को लेकर बयान सामने आए हैं।
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वहीं यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को समाप्त करने के व्हाइट हाउस के प्रयासों के बीच क्रेमलिन में वार्ता के लिए अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ का रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्वागत किया। क्रेमलिन द्वारा जारी फुटेज में विटकॉफ और पुतिन को एक टेबल के विपरीत किनारों पर बैठने से पहले हाथ मिलाते और एक-दूसरे से बातचीत करते हुए देखा जा सकता है। पुतिन के साथ अमेरिका में पूर्व राजदूत यूरी उशाकोव और उनके निवेश दूत किरिल दिमित्रिएव भी थे। मॉस्को के एक उपनगर में कार विस्फोट में एक रूसी जनरल के मारे जाने के कुछ समय बाद ही दोनों की मुलाकात हुई।