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राशन घोटाला : पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को 10 दिन की ईडी हिरासत में भेजा गया

पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को कथित राशन वितरण घोटाला मामले में गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को 10 दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया गया।
मलिक को कथित राशन वितरण घोटाले की जांच के संबंध में ईडी ने शुक्रवार तड़के यहां साल्ट लेक स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। मलिक के पास वन विभाग की जिम्मेदारी है।
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट तन्मय कर्मकार ने मंत्री की हिरासत के लिए ईडी की अर्जी स्वीकार कर ली और उन्हें पांच नवंबर तक 10 दिन के लिए केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।
मंत्री की जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने निर्देश दिया कि मलिक को छह नवंबर को फिर से अदालत में पेश किया जाए।

मंत्री अदालत कक्ष में अस्वस्थ हो गए, इसलिए अदालत ने उन्हें अपनी पसंद के निजी अस्पताल में इलाज की अनुमति दी, जिसके बाद उन्हें पूर्वी मेट्रोपॉलिटन बाईपास स्थित एक अस्पताल में ले जाया गया।
अदालत ने निर्देश दिया कि यदि मलिक को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है, तो भर्ती की अवधि को उसके द्वारा दी गई ईडी हिरासत की अवधि से बाहर रखा जाएगा। मलिक ने 2011 से 2021 तक खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया था। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि आरोपी के ‘ठीक’ महसूस करने के बाद मामले के जांच अधिकारी उन्हें आगे के इलाज के लिए यहां कमांड अस्पताल में स्थानांतरित कर सकते हैं। कमांड हॉस्पिटल के कमांडेंट को मलिक के इलाज के लिए मेडिकल बोर्ड तैयार करने का निर्देश दिया गया।

ईडी ने कथित राशन घोटाले के संबंध में मंत्री से पूछताछ के लिए उनकी हिरासत का अनुरोध किया और दावा किया कि उसे बकीबुर रहमान नामक व्यक्ति के साथ उनके संबंध मिले हैं, जिसे इस मामले में लगभग एक पखवाड़ा पहले गिरफ्तार किया गया था।
मलिक अदालत कक्ष में बीमार पड़ गए और उन्हें उल्टी हुई, जिसके बाद उनके वकीलों ने उन बीमारियों से संबंधित दस्तावेज अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए, जिनसे वह पीड़ित हैं। अदालत ने निर्देश दिया कि आरोपी को अपने घर से खाना मंगवाने की अनुमति होगी।

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