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अयोध्या में बाबरी मस्जिद की ईंट रखेंगे पाक सेना के जवान, मुनीर पढ़ेंगे पहली अजान, बिलावल की पार्टी की सांसद ने दी धमकी

ऐसा लगता है कि इस्लामाबाद पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को कम करने के मूड में नहीं है। पाकिस्तान के नेताओँ की तरफ से एक के बाद एक ऐसे बयान सामने आ रहे हैं जो भारत के गुस्से को भड़काने का काम कर रहे हैं। बिलावल भुट्टो जरदारी के खून बहाने वाले बयान के बाद पाकिस्तानी सीनेटर पलवाशा मोहम्मद ज़ई खान की तरफ से भी कुछ ऐसा ही विवादित बयान दिया गया है। पाकिस्तानी सांसद खान ने ऐलान करते हुए कहा कि अयोध्या में नई बाबरी मस्जिद की ईंट पाकिस्तानी सेना के जवान रखेंगे, और पहली अज़ान खुद सेना प्रमुख असीम मुनीर देंगे। सीनेटर पलवाशा मोहम्मद ने मंगलवार को दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और भड़काने वाला बयान दिया, जब वह पाकिस्तानी संसद को संबोधित कर रही थीं।

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पाकिस्तान की संसद के ऊपरी सदन में बोलते हुए सीनेटर ने कहा कि अयोध्या में नई बाबरी मस्जिद की पहली ईंट पाकिस्तानी सेना के जवान रखेंगे और पहली अज़ान पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिफ मुनीर पढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि हमने चूड़ियाँ नहीं पहनी हैं। स्थिति के बीच धार्मिक भावनाओं को और भड़काने की कोशिश करते हुए सीनेटर ने कहा कि अगर भारत के साथ कोई संघर्ष होता है तो सिख सैनिक पाकिस्तान पर हमला नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर वे पाकिस्तान को धमका रहे हैं, तो उन्हें बता दें कि सिख सेना पाकिस्तान पर हमला नहीं करेगी। क्योंकि यह उनके लिए गुरु नानक की धरती है। गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तानी सांसदों ने इस तरह के भड़काऊ बयान दिए हैं। हाल ही में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो-जरदारी ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को रद्द किए जाने के बाद ऐसे ही भड़काऊ बयान दिए थे। 

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पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने सिंधु जल संधि के मामले में भारत को धमकाया और चुनौती दी थी। भुट्टो ने कहा कि दरिया में या तो हमारा ‘पानी’ बहेगा, या फिर हमारा (भारत का) ‘खून’ बहेगा। भुट्टो की यह प्रतिक्रिया जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद आई। 23 अप्रैल को विदेश मंत्रालय (एमईए) ने प्रतिक्रिया में कई सख्त उपायों की घोषणा की, जिसमें सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित करना भी शामिल है। पाकिस्तान का मतलब साफ था कि सिंधु जल को रोकने के बाद पाकिस्तान भारत के खिलाफ हिंसा पर उतर आएगा।

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